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Keyurika gangwar

Abstract Inspirational

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Keyurika gangwar

Abstract Inspirational

कौन दिशा से आये रघुराई

कौन दिशा से आये रघुराई

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राम राज्य है आ गया

राम का डंका बज गया।

अवध की खुशियाँ जग में छाई

लखन, सिया संग पधारे रघुराई।

हर्षित है अंतस और अँखियाँ पथराई।

जाने कौन दिशा से आये रघुराई।

रखें है मैंने पुष्प बिछा

हर मार्ग पर अपना हृदय बिछा।

जन्म -जन्म का श्राप कटा

इस काल जन्म का सौभाग्य मिला।

मुझ तुच्छ का जीवन सफल बना।

कुछ अपने जीवन का भाग बना।

संतों का आशीष अपार

जन- जन का है प्रेम अपार ।

कालखण्ड और युग अंतर को 

पार किया पूरा वनवास।

उजली किरणें भानू की दे रही संदेश।

सरयू का पानी कर रहा कोलाहल , छूने राम लला के पाद।

हो रही जय- जयकार हर बाज रहा ब्रह्मनाद।


दासी खड़ी है लेकर हाथों में फूल

दे दो मुझको अपने चरणों की धूल।

राम राज्य आ गया।

राम का डंका बज गया।


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