STORYMIRROR

Kawaljeet GILL

Abstract Inspirational

4  

Kawaljeet GILL

Abstract Inspirational

रहना तू आस पास...

रहना तू आस पास...

1 min
5

 हम तो बस दिल्लगी कर रहे थे तुमसे और तुम खफ़ा खफ़ा हो गए हमसे,

मेरी थोड़ी सी शरारत थी ऐसी भी क्या नाराज़गी हो गई हमसे,

कि तुमने ना मुझको रोका ना ही टोका,

और हम तुझसे जुदा जुदा हो गए एक पल में हमेशा के लिए,


कहाँ गये वो वादे तेरे कहाँ गयी वो कसमें तुम्हारी,

हर पल साथ निभाने का वादा था तेरा,

जानते है हम की नाराज़ हम भी हो जाते थे तुम से,

तुम फिर हमको मना लिया करते थे हर पल आस पास रहकर,


हमसे नाराज़ हो कर तुम जुदा तो हो गए हो,

फिर भी तेरे आस पास ही रहेंगे हम जब भी बुलाओगे हम आ जाएंगे,

तुझ को मनाना आता है हमको जब भी नजर उठा कर देखोगे हम आस पास होंगे,

तेरे दिल में रहते है तो तुझसे दूर कैसे हुए हम ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract