मेरे प्रभु सिया के राम
मेरे प्रभु सिया के राम
मर्यादा, करुणा, दया है जिनमें
वो सदाचार, आदर्श, धर्म के स्वामी हैं
सत्य मार्ग का राह दिखाएं
वो मर्यादा पुरुषोत्तम अंतर्यामी हैं।
सहनशीलता, धैर्य और विवेकी
मित्रता के वो प्रतिमान हैं
कण कण में जो बसते हैं
वही आराध्य मेरे श्री राम हैं।
हाथ जोड़ कर मैं सदा
प्रभु श्री राम का ध्यान धरूं
जीवन में जो कर दे मंगल
मैं नित्य हरी नाम का जाप करूं।
अखिल ब्रह्माण्ड के नायक राम
कौशल्या नंदन जय सिया राम
कृपा भक्तों पर करे सिया राम
मर्यादा पुरुषोत्तम जय सिया राम।
मन में बसे मेरे राम हैं
उनके चरणों में मेरा धाम हैं
संसार का जो करें कल्याण
जीवन समर्पित उनके नाम है।
सुबह शाम बस एक ही नाम
जय सिया राम, जय सिया राम
मेरी भक्ति का एक ही मुकाम
अंतिम श्वास तक जय सिया राम।
न झुका सके कोई दुश्मन मुझको
मैं श्री राम का अखंड भाग हूं
शौर्य पराक्रम रग रग में मेरे
मैं तो प्रभु श्री राम का दास हूं।
प्रभु भक्ति की बहार में
मोक्ष मुझे अब मिल जायेगा
राम नाम जपते जपते
उद्धार इस जीवन का हो जायेगा।