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Kawaljeet GILL

Abstract Inspirational

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Kawaljeet GILL

Abstract Inspirational

जिंदगी जीने में मजा नहीं

जिंदगी जीने में मजा नहीं

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जिंदगी जीने में अब वो मजा नहीं आता,

जब से आया मोबाइल का ज़माना हर कोई खो गया कहीं,

किसी को किसी की परवाह नहीं हर कोई अपने ख्यालों में गुम है,

आस पास क्या हो रहा नहीं रहती इसकी खबर भी,


अपनो को ही नजर अंदाज कर रहे रिश्ते है बिखर रहे,

पहले होती थी कद्र रिश्तों की हो जाता था आमना सामना,

अब तो महीनों बीत जाते दोस्तों से दोस्ती निभाते हुए

ऑनलाइन के हज़ार दोस्तों के आगे सच्ची दोस्ती भूल गए,


दोष किसको दे हम वक्त के साथ सब बदल रहे,

माना कि ये मोबाइल की दुनिया बुरी नहीं,

लेकिन अब वो मज़ा नहीं रहा जिंदगी जीने में,

जो बड़ों बजुर्गों के साथ रिश्ते निभाते मिलता था,


वो दौर भी क्या दौर हुआ करता था,

जब कद्र रिश्तों की होती थी मिलजुल कर सब फैसले होते थे,

अब तो फासले आते नजर आते है हर सोच में अपनो की,

अपने ही अपनो से जुदा जुदा नजर आते है ।


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