STORYMIRROR

Kavita Sharrma

Abstract

3  

Kavita Sharrma

Abstract

वृक्ष-अनमोल उपहार

वृक्ष-अनमोल उपहार

1 min
193

वृक्ष धरती के हाथ हैं

ईश्वर की अनमोल सौगात है

पक्षियों का घर हैं

उनके चहकते रहने का आधार हैं

मुसाफिर के लिए तपती धूप में साया है

रसीले फलों का भंडार हैं

हर इक सांस जो ली है हमने

वृक्ष के कर्ज़दार हैं

अनगिनत गुणों से जो है भरा

फिर मानव ने महत्व इसका क्यों नहीं समझा

इक पुत्र कुल का यदि आधार है

तो वृक्ष दस पुत्रों के समान है

इक वृक्ष लगाकर ऋण तो चुकाना होगा

धरती के हाथों को बचाना होगा।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract