वृक्ष-अनमोल उपहार
वृक्ष-अनमोल उपहार
वृक्ष धरती के हाथ हैं
ईश्वर की अनमोल सौगात है
पक्षियों का घर हैं
उनके चहकते रहने का आधार हैं
मुसाफिर के लिए तपती धूप में साया है
रसीले फलों का भंडार हैं
हर इक सांस जो ली है हमने
वृक्ष के कर्ज़दार हैं
अनगिनत गुणों से जो है भरा
फिर मानव ने महत्व इसका क्यों नहीं समझा
इक पुत्र कुल का यदि आधार है
तो वृक्ष दस पुत्रों के समान है
इक वृक्ष लगाकर ऋण तो चुकाना होगा
धरती के हाथों को बचाना होगा।
