फुलवारी
फुलवारी
खिल उठी फिर फुलवारी,
चंद चमन के फूलों से ,
सुगंधित हो रहा है सभी ,
फुलवारी के कोने कोने तक।
रंग बिरंगे फूलों से भरी ,
है ये दुनिया सारी ,
कुछ गुलाब कुछ चंपा ,
कुछ मोगरा कुछ केवड़े सा।
सुवासित कर रही हैं ये ,
पूरी दुनिया की बागियां,
देख उन्हे ऐसा लगता ,
फूल खिले गुलशन गुलशन।
