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Praveen Gola

Abstract

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Praveen Gola

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बेपनाह तड़प का सबब क्या?

बेपनाह तड़प का सबब क्या?

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बेपनाह तड़प का सबब क्या?

क्या मोहब्बत का यही अजब है रिवाज़?

दिल के दरिया में तूफान सा क्यों है?

क्या ख्वाबों में खो गया कोई अंदाज़?


जो बातें अधूरी रह गईं कहने को,

क्या वही दर्द बन गई है साज़?

हर आहट में तेरी ही गूंज है क्यों?

क्या ये यादें हैं या तेरा नशा बेहिसाब?


खामोशी में भी इक शोर सा है,

क्या ये इश्क का है आखिरी अल्फाज़?

हर सांस में बस तेरा ही नाम है,

क्या ये इश्क है या खुदा का मिज़ाज ?


रातें जगाकर तुझे ही सोचा है,

क्या यही इश्क का है मुकम्मल हिसाब ?

अब इस तड़प का अंजाम क्या होगा?

क्या तेरा साथ मिलेगा बस दे एक जवाब ?



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