हालत और हालातों से
हालत और हालातों से
हालत और हालातों से ताल्लुकात रख
बड़े अजीज है वो उनसे मुलाकात रख ।।
मन मुटाव को मन में आसरा न देना
डोर नाजुक है कुछ हिफाज़त रख।।
छूटने दो कुछ , मगर टूटने मत देना
जकड़ रख मगर पकड़ ढीली रख।।
ऐसे नहीं की सब कुछ ख़त्म हो चुका,
इतना भी काफ़ी है संभाल कर रख।।
मत बहाये आँसू बहुत कीमती है ये
कमजोर समझेंगे वे इसे छिपा के रख।।
सियानापन से रिश्ते टिकते नहीं बामन
सलामती के लिये कुछ मासूमियत रख ।।
