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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Inspirational

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Dhan Pati Singh Kushwaha

Abstract Inspirational

मिलेगा प्रेम जब लुटाएंगे प्यार

मिलेगा प्रेम जब लुटाएंगे प्यार

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जो हम खुद को बदल दें,

तो बदले जग भी हमार।

मिलेगा प्रेम तब हमको,

जब हम लुटाएंगे प्यार।


कुछ करने से पहले हमको,

शुभता का रखना है ध्यान।

राग-द्वेष लालच में अक्सर,

हो सकता भारी नुकसान। 

रहे सर्वोपरि सर्वहित भले,

हो दुर्गम-मुश्किल सा रस्ता।

स्वीकारें निर्भय हर चुनौती,

न खोजें लालच में सस्ता।

गर शुभ लक्ष्य है हमारा,

तो होगा प्रभु मददगार।

मिलेगा प्रेम तब हमको,

जब हम लुटाएंगे प्यार।


अजीबोगरीब बहुत हैं,

जगत के सारे ही फेर।

कल-कल करते करते,

है हो जाती बहुत देर।

टालने की बुरी होती ,

है प्रायः आदत हमारी।

सोचने में खप जाती,

है अक्सर उम्र सारी।

हम करते रहते अक्सर,

शुभ समय का इंतजार।

मिलेगा प्रेम तब हमको,

जब हम लुटाएंगे प्यार।


बिन हुए ईमानदार हम,

न सिखा सकते ईमानदारी।

धोखा दिखावा ताड़ लेती है,

देर - सवेर दुनिया ये सारी।

जग में हो ही जाता उजागर ,

आचरण -कर्म का प्रभाव।

एक न एक डूब ही जानी है,

गर है जो ये कागज़ की नाव।

छिपे न सच और टिके न झूठ, 

खुद को बदलें तो बदले संसार।

मिलेगा प्रेम तब हमको,

जब हम लुटाएंगे प्यार।


जो हम खुद को बदल दें,

तो बदले जग भी हमार।

मिलेगा प्रेम तब हमको,

जब हम लुटाएंगे प्यार।




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