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Reena Goyal

Others

3  

Reena Goyal

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आशा के नव दीप सजे

आशा के नव दीप सजे

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आया जो नव वर्ष लगा यूँ ,कल्पनाओं को पँख लगे।

है अधीर मन डग भरने को ,आशा के नवदीप सजे।


उर में छाया बनकर बहार यूँ,पुलकित है मन की क्यारी

गए वर्ष में जो सींची थी ,महक उठी वो फुलवारी

मंगलमय हर दिन हो सबका ,उर आँगन मृदु गान बजे

है अधीर मन डग भरने को ,आशा के नवदीप सजे।


पूर्ण करें संकल्प किये जो ,मन की दुर्बलता त्यागें

बन्धु भाव मन में विकसित हो ,हम नैराश्य से भागें

नव संचार प्राण में भर लें ,अरु हृद से प्रभु नाम भजें

है अधीर मन डग भरने को ,आशा के नवदीप सजे।


कुछ नवीन अनुभव जीवन को ,नया साल दे जाएगा

विगत वर्ष के कटुक क्षणों को ,भूल जरा मन पायेगा

नया पर्व है खुशी सहेजो ,द्वंद,अहित,छल,द्वेष तजें

है अधीर मन डग भरने को ,आशा के नवदीप सजे।

 



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