शारदे वंदन
शारदे वंदन
चरण वंदना मात करुं मैं ,ऐसा मुझको वर दो ।
ज्ञान पुंज भर दो अन्तस् में ,निर्मल उर को कर दो।
शिक्षा की फुलवारी हर घर ,आँगन नेह भरा हो ।
ओत प्रोत सद्गुण से जीवन ,दीपक प्रेम धरा हो ।
हे!स्वर की देवी शारद माँ ,वाणी में मधु स्वर दो ।
ज्ञान पुंज भर दो अन्तस् में ,निर्मल उर को कर दो ।।
ज्योतिर्मय माँ रूप तिहारा ,उज्वल वेश तुम्हारा ।
कलुष भेद तम को हर अम्बे ,करती जग उजियारा ।
शुभ्र भाव तुम जहां बसो ,वह अवनी अरु अम्बर दो।
ज्ञान पुंज भर दो अन्तस् में ,निर्मल उर को कर दो ।।