कार्य पूर्ण कर दिन का पंथी, अपनी दुनिया को चलता है, पर्वत के पीछे छिपा सूर्य भी, धीरे-धीरे ढलता ह... कार्य पूर्ण कर दिन का पंथी, अपनी दुनिया को चलता है, पर्वत के पीछे छिपा सूर्य भ...
भभक रहा तू, धधक रहा , जैसे कि देगा सब कुछ जला , भागते सब इधर उधर, छाया के हों शरण पड़ा ....... भभक रहा तू, धधक रहा , जैसे कि देगा सब कुछ जला , भागते सब इधर उधर, छाया के हों शर...
पर अब हो गयी है साँझ और हो गए हैं हम जुदा है न ? पर अब हो गयी है साँझ और हो गए हैं हम जुदा है न ?
कदम एक चलते हैं हम पास आने को तुम्हारे कदम एक तुम भी चलो पास आने को हमारे कदम एक चलते हैं हम पास आने को तुम्हारे कदम एक तुम भी चलो पास आने को ह...
परछाइयों ने मन को घेरा है, रोशनी की किरण बिखर गई है। परछाइयों ने मन को घेरा है, रोशनी की किरण बिखर गई है।
हर सुबह मेरे अश्रु शबनम बन जाते हैं घास पर बिखर जाते हैं। हर सुबह मेरे अश्रु शबनम बन जाते हैं घास पर बिखर जाते हैं।