हम
हम
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तुम यू याद आए
जैसे आकाश से
बरसा हो पानी।
कभी भूल न पाऊँगी
तुम्हें मैं दिलबर जानी।
काश हमें कभी जुदा
न होना पड़ता।
सूरज हमारे
प्यार का
कभी न ड़ूबता।
पर अब हो गयी है
साँझ और हो गए हैं
हम जुदा है न ?