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Shubhra Varshney

Abstract

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Shubhra Varshney

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तभी निपटेगा कोरोना

तभी निपटेगा कोरोना

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अपने घिनौने मंसूबों लिए है,

कोरोना का राक्षस विकराल।

फैला संक्रमण चारों ओर,

है दबोचने को सबको तैयार।


संक्रमण की आशंका,

झेल रहा देश का हर कोना।

घरों में ही बंद रहना है,

तभी निबटेगा यह कोरोना।


विपदा बड़ी है आन पड़ी,

जो है हर तरफ व्याप्त।

पसरा सन्नाटा गली गली

विश्व का हर कोना इससे है त्रस्त।


सावधान सचेत रहकर ही,

हम इससे मुक्ति पाएंगे।

सन्नाटो में ढूंढ के आशा

हम इसे सफल बनाएंगे।


आवश्यक है पालन करना,

सरकारी गाइडलाइन का।

चैन संक्रमण की तोड़नी है,

है इसे फैलने से रोकना।


चिकित्सक व इससे संबंधित कर्मी,

यह है जैसे प्रभु के बंदे।

जहां सब घर में कैद हो गए,

बढ़ गई इनके काम के घंटे।


लॉकडाउन का पालन करके,

प्रधानमंत्री जी को सम्मान दें।

संक्रमण की चैन तोड़कर,

उनकी बातों पर ध्यान दें।


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