दिन-2 लालअदम्य साहस
दिन-2 लालअदम्य साहस
अदम्य साहस से जीवन संवर जाएगा,
भय विघ्न स्वयं डर भाग जाएगा।
बेटियों न डरकर चलो ना चल कर डरो,
बस अपनी छठी इंद्रिय जागृत करो।
अडिग फैसला तुम्हें आगे ले जाएगा,
बाधा बन तुम्हें ना कोई रोक पायेगा।
अपना मनोबल सुदृढ़ करो,
बस अपनी छठी इंद्रिय जागृत करो।
दृढ़ इरादों से पराजय भी घबराइएगा,
हर प्रश्न तुम्हारे आगे घुटने टेक जाएगा।
हौसला अपना बुलंद करो,
बस अपनी छठी इंद्रिय जागृत करो।
भय का अंधकार मिट जाएगा,
संकल्प से आसमां भी सर झुकाएगा
दुखों में भी सीना तान चलो,
बस अपनी छठी इंद्रिय जागृत करो।
लिंग भेद मिट जाएगा,
अस्तित्व कोई न नकार पाएगा।
माता-पिता का दृढ़ सहारा बनो,
बस अपनी छठी इंद्रिय जागृत करो।
दुष्ट कुमांध भी घबराइएगा,
तुम्हारे तेज से तो अंधकार भी पिघल जाएगा।
काली सी बरसों सूर्य सी चमको,
बस अपनी छठी इंद्रिय जागृत करो।