STORYMIRROR

Shubhra Varshney

Inspirational

4  

Shubhra Varshney

Inspirational

दिन-1 सफेद शीर्षक-जीवन

दिन-1 सफेद शीर्षक-जीवन

1 min
326

प्रातः काल में देव भास्कर,

जब निकले हो रथ पे सवार।

स्वर्णिम पट की आभा से होता,

धरा पर नव जीवन संचार।


संघर्षों की माटी में अंकुरित,

जीवन की असंख्य लताएं।

इंद्रधनुषी उतार-चढ़ाव में जीवन के,

उलझती सुलझती अनंत शाखाएं।


भावनाओं की बौछार में भीगकर,

उत्साह की कलियां है गुनगुनाती।

जब मिलती हौसलों की उष्मा,

जीवन में हरियाली छा जाती।


इस जीवन की विशाल कार्यशाला के,

हम हैं अनवरत कर्मिक श्रमिक।

क्यों बनाना घरौंदा महत्वाकांक्षाओं का,

जब यह जीवन ही है क्षणिक।


सर्वत्र प्रेम सर्वजन सुखाय

यह है जीवन का प्रमाण पत्र।

जीवन पथ बन गया भावांतर,

जिस पर चलना है हमें सतत निरंतर।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Inspirational