मृत्यु सबकी होती है
मृत्यु सबकी होती है
मरता
सब
है
जिंदा
भी
मुर्दा
भी
सजीव
भी
निर्जीव
भी
सबकी
मृत्यु
होती
है
खत्म
हो
जाता
है
सबकुछ
कुछ
भी
नहीं
बचता
शेष
शून्य
भी
नहीं
विकाश
और
विनाश
अनवरत
प्रक्रिया
है
इसमें
हमेशा
हीं
नरंतरता
रहती
है।
