शीर्षक:मैं नारी हूँ
शीर्षक:मैं नारी हूँ
मै दबी हुई कोई पहचान नही हूँ
अपने स्वाभिमान से जीती हूँ
ख़ुद्दारी अपने भीतर रखती हूँ
मै आज के समय की नारी हूँ।
मैं पुरुष प्रधान समाज मे हूँ
पर फिर भी पुरुषों पर भारी हूँ
हर वो काम मै करके दिखलाती हूँ
जो पुरुष कहे में ही कर सकता हूँ।
मैं अपने बाहुबल पर ही जीती हूँ
मैं नोकरी,बिज़नेस भी करती हूँ
मैं पुरुष समान ही लिखती हूँ
मैं खेल भी उनसे समान ही करती हूँ।
मैं समानता के युग की नारी हूँ
कदम कदम साथ भी चलती हूँ
मैं भारत का स्वर्णिम भविष्य हूँ
मैं आशा की एक चिंगारी हूँ।
"मैं आप की प्यारी मंजु हूँ"