मैं अपने गमों को
मैं अपने गमों को
मैं अपने गमों को भूल अपनी
खुशियो में जीना चाहती हूं।
अपने कल की चिंता को छोड़,
अपने आज में खुश होना चाहती हूं।
बिना रोक टोक के
एक दिन गुजारना चाहती हूं।
अपने आज और कल से
कुछ पल फुरसत के चुराना चाहती हूं।
मैं खुद में ही मिलना चाहती हूं,
सारी बंदिशों को भूल अपने साथ
एक चाय पीना चाहती हूं।
मैं कौन हूं, वो कभी नहीं भूलना चाहती हूं।
