मेरा जीवन सफल नहीं था।
मेरा जीवन सफल नहीं था।
मेहनत मेरी थी उसमें चूक भी मेरी थी, चूक थी तभी तो देरी थी ।
देरी थी तभी तो कारण बहुत सारे थे, कारण थे तभी तो उलझने थी ।
उलझनों के भी अपने ही तर्क वितर्क थे, तर्क भी खुद से थे वितर्क भी ।
तर्क थे तभी तो बहुत सारे प्रश्न थे, प्रश्नों के उतर शायद कम थे ।
कमी थी तभी तो खुद से द्वंद्व था, तभी तो अभी तक मेरा जीवन सफल नहीं था ।
