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Vivek Gulati

Abstract Inspirational

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Vivek Gulati

Abstract Inspirational

आनंद

आनंद

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जीते थे हम, जब आपके साए में

कभी लगी ना धूप सिर पर, न कांटे पांव में।

अंगुलि पकड़ आपकी, जंगल भी पार हो जाते

आप नहीं तो शहर में आज, इंसान भी डराते।

जाते ही आपके लोगों के नकाब उतरने लगे

सही और गलत का भेद हम समझने लगे।

आप मूल्यवान यादों का खजाना छोड़ गए

हम लोगों को अच्छे कर्मों की सीख दे गए।

संयम, सहनशीलता व सिखाया आपने आज में जीना

अच्छा अगर ना करो, बुरा कभी न करना।

गुणों में आपकी बराबरी कभी न कर पाऊंगा

अगले जन्म भी आप पिता बने, यही मनाऊंगा।


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