तुम्हारी यादें
तुम्हारी यादें
तुम्हारी यादें आती हैं
जैसे होती हुयी सुबह
जैसे चहकते हुये परिंदे
जैसे आकाश में
टँगा हुआ इंद्रधनुष
जैसे उदासी के राज में
खुशी की धमाचौकड़ी
जैसे बहती हुई नदी का
झील में बदल जाना
जैसे एक सोच
मनुष्यता की
जैसे एक हाथ
सहयोग में लगा हुआ
जैसे कोई पथप्रदर्शक।
