मुक्तक : लेखन कला
मुक्तक : लेखन कला
दर्द भी लिखते हैं सुकून भी लिखते हैं
दिलों में उठने वाला जुनून भी लिखते हैं
हास्य-व्यंग्य, श्रृंगार, देश भक्ति के साथ
गम ए अश्क और गर्म खून भी लिखते हैं
श्रृंगार रस साहित्य रत्न की जान होता है
वीर रस पर संपूर्ण देश कुरबान होता है
किसी के लबों पर , मुस्कान जो सजा दे
वही हास्य - व्यंग्य कार महान होता है
दिल से निकलने वाली रचनाएं खूब होती हैं
लेखकों में मानवीय संवेदनाएं खूब होती हैं
अपनी भावनाओं में पाठकों को सराबोर कर
बहा ले जाने की हसीन अदाएं खूब होती हैं
