मेघा आह्वान
मेघा आह्वान


मैना कोयल टहुक रही
राह तुम्हारी ताक रही
मोर पपीहा भी हैं प्यासे
अब तो बरसो मेघा प्यारे।
सूखे पड़े खेत खलिहान
विनती करते हैं किसान
जुताई करने को हैं तरसे
अब तो बरसो मेघा प्यारे।
वसुंधरा भी पुकार रही
श्रृंगार को तैयार खड़ी
ताल तलैया तुम्हें बुलाते
अब तो बरसो मेघा प्यारे।
बच्चे इन्द्रधनुष को खोजे
गोरी भी पनघट को पूछे
बीती बरसातें याद कराए
अब तो बरसों मेघा प्यारे।