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Sudhir Srivastava

Abstract

3.7  

Sudhir Srivastava

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एक मुलाकात

एक मुलाकात

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कितना अजीब सा लगता है 

कि एक मुलाकात में

बहुत कुछ बदल जाता है,

इतिहास भी बन जाता है

जीवन का भूगोल भी

अचानक ही बदल जाता है।

एक मुलाकात में ही

क्या से क्या हो जाता है?

कभी बेपटरी पर जा रही जिंदगी

पटरी पर आ जाती है,

तो बहुत बार एक मुलाकात

जीवन को नर्क भी बना देती है।

सच मानिए 

एक मुलाकात का 

कोई निश्चित सूत्र नहीं है,

सौभाग्यशाली हों तो ये जीवन 

फूलों की सेज बन सकता है,

दुर्भाग्य भारी पड़ जाय तो

जीवन गटर का पर्याय 

बनकर रह जाता है।



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