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Kumar Kishan

Abstract

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Kumar Kishan

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लखनऊ का बारहवाँ दिन

लखनऊ का बारहवाँ दिन

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इस 12वें दिन

मैंने यह महसूस किया

इस आपाधापी जिंदगी में भी

सुकून कितना जरूरी है


यह सुकून के पल जब

अपनों के बीच हो

तब सारा जग ही सुंदर लगता हैं


इसी पल की ख्वाहिश

हर मनुष्य को होती है लेकिन

उन्नति के मार्ग पर

इसी सुकून से हम अलग

हो जाते हैं,


केवल कमाने की चाह में।


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