लखनऊ का बारहवाँ दिन
लखनऊ का बारहवाँ दिन
इस 12वें दिन
मैंने यह महसूस किया
इस आपाधापी जिंदगी में भी
सुकून कितना जरूरी है
यह सुकून के पल जब
अपनों के बीच हो
तब सारा जग ही सुंदर लगता हैं
इसी पल की ख्वाहिश
हर मनुष्य को होती है लेकिन
उन्नति के मार्ग पर
इसी सुकून से हम अलग
हो जाते हैं,
केवल कमाने की चाह में।
