राम
राम
राम
मेरे राम
तुम हमेशा से मेरे लिए
मर्यादा पुरुषोत्तम रहे हो
हर अंधेरी राह पर तुम्हारे
नाम का दीया जलाया है
हर कठिनाई में तुम ही
मेरे पालनहार बने
मेरे राम
तुम्हारे प्राकट्य दिवस पर
तुम्हें क्या दूं
बस मेरी श्रद्धा मेरा
भरोसा मेरा समर्पण
तुम पर हर सांस के
साथ प्रगाढ़ हो
अपनी छत्र छाया में
यूं ही बनाये रखना
मेरे राम
और यूँ ही मेरा
मार्ग प्रशस्त करना
मेरे राम
प्राकट्य दिवस पर मेरा नमन।
