STORYMIRROR

नम्रता सिंह नमी

Abstract

3  

नम्रता सिंह नमी

Abstract

राम

राम

1 min
254

राम

मेरे राम

तुम हमेशा से मेरे लिए

मर्यादा पुरुषोत्तम रहे हो


हर अंधेरी राह पर तुम्हारे

नाम का दीया जलाया है

हर कठिनाई में तुम ही

मेरे पालनहार बने


मेरे राम

तुम्हारे प्राकट्य दिवस पर

तुम्हें क्या दूं

बस मेरी श्रद्धा मेरा

भरोसा मेरा समर्पण 


तुम पर हर सांस के

साथ प्रगाढ़ हो


अपनी छत्र छाया में

यूं ही बनाये रखना

मेरे राम

और यूँ ही मेरा

मार्ग प्रशस्त करना

मेरे राम

प्राकट्य दिवस पर मेरा नमन।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract