नम्रता सिंह नमी
Romance
कभी भाव व्यर्थ है
तो
कभी शब्द
हर बार दोनों का
मिलना हो नहीं पाता
और हम रह जाते हैं
यूँ ही बिन कहे।
मिठास
चाँद
लकीरे
भीड़
बेतरतीब
अनजाने कंधे
सांस
गुमनाम मौत
बंदी
भाव
लगते हैं अब तो इश्क के सिवा सब रिश्ते बेनाम के। लगते हैं अब तो इश्क के सिवा सब रिश्ते बेनाम के।
समझकर भी कौन सा मेरे दिल का बोझ हल्का करोगे। समझकर भी कौन सा मेरे दिल का बोझ हल्का करोगे।
बेताब मन होठों पे शरारती हुजूम कुछ जाहिर नहीं शब्दों में। बेताब मन होठों पे शरारती हुजूम कुछ जाहिर नहीं शब्दों में।
फिर से उस चिट्ठी को मोड़ कर मैं लिफाफे के अंदर रख दी। फिर से उस चिट्ठी को मोड़ कर मैं लिफाफे के अंदर रख दी।
जल्दी छत पर आ जा गोरी हम बारिश बारिश खेलेंगे। जल्दी छत पर आ जा गोरी हम बारिश बारिश खेलेंगे।
उस चांद को चांदनी से प्यार था करता इंतजार हर रात था। उस चांद को चांदनी से प्यार था करता इंतजार हर रात था।
तुम हो या ना हो.. तुम्हे याद करता हूँ ना.. तुम हो या ना हो.. तुम्हे याद करता हूँ ना..
स्पर्श से जन्मे पुलकते गीत हम गाते रहे। स्पर्श से जन्मे पुलकते गीत हम गाते रहे।
मेरे संदेश का देकर ज़वाब, तूने तोहफा भेजा है सनम। मेरे संदेश का देकर ज़वाब, तूने तोहफा भेजा है सनम।
क्या गलती हैं समझ नहीं पाई इस जालिम दुनिया वाले को मैं तब नहीं परख पाई। क्या गलती हैं समझ नहीं पाई इस जालिम दुनिया वाले को मैं तब नहीं परख पाई।
तेरे लरजते होंठों पर उतरती है हुस्न की बारात सी तेरे लरजते होंठों पर उतरती है हुस्न की बारात सी
चांद का अपने चांदनी के संग खुल्लम खुल्ला प्यार। चांद का अपने चांदनी के संग खुल्लम खुल्ला प्यार।
तुझको जो पीछे मुड़कर देखे और हम कहीं भी न दिखें फिर तुझको। तुझको जो पीछे मुड़कर देखे और हम कहीं भी न दिखें फिर तुझको।
इश्क की बीमारी तुमको क्यों नहीं लगती है, तुम बरसों की जुदाई खुद कैसे सह लोगे। इश्क की बीमारी तुमको क्यों नहीं लगती है, तुम बरसों की जुदाई खुद कैसे सह लोगे...
वो दिल से लगा बैठे ख़्वावों ख्यालों में अपना बना बैठे। वो दिल से लगा बैठे ख़्वावों ख्यालों में अपना बना बैठे।
क्या क्या बयां करूं मैं इक पल भी बिन तुम्हारे ख्यालों के नहीं कटता है. क्या क्या बयां करूं मैं इक पल भी बिन तुम्हारे ख्यालों के नहीं कटता है.
तेरी आँखों को देख के बरसती हुई बारिश भी शरमाने लगी है, तेरी आँखों को देख के बरसती हुई बारिश भी शरमाने लगी है,
प्रेम ग्रंथ का पहला अक्षर, लिखा जो तेरी बातों में. प्रेम ग्रंथ का पहला अक्षर, लिखा जो तेरी बातों में.
सुनो सांवरे ..! मुझे साहित्य पर लिखना है क्या लिखूँ..? सुनो सांवरे ..! मुझे साहित्य पर लिखना है क्या लिखूँ..?
मैं राज़ भी तुम्हारा मैं हमराज भी तुम्हारा। मैं राज़ भी तुम्हारा मैं हमराज भी तुम्हारा।