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नम्रता सिंह नमी

Romance

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नम्रता सिंह नमी

Romance

भाव

भाव

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कभी भाव व्यर्थ है

तो

कभी शब्द


हर बार दोनों का

मिलना हो नहीं पाता


और हम रह जाते हैं

यूँ ही बिन कहे।


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