चाँद
चाँद
झुरमूट से झांके चाँद
मन अंगड़ाइयाँ लेता है
सोये अरमान कहीं फिर से
जागते हैं
यही चाँद हम दोनों तकते हैं
मीलों की दूरी पल भर में
तय करते हैं
चाँद सा हसीं मेरा यार है
उसकी बातों में तेरी चांदनी है
तेरी पूर्णता उसे तय करती है
अब जब वो तुझे देखे तो
कहना मेरा संदेसा
वो बहुत याद आते हैं ...
बहुत याद आते हैं

