कभी तो उनसे मिल पाते हम जो जान से प्यारे होते है। होकर हमसे जुदा जाने वह कौन सी नगरी चले गए। कभी तो उनसे मिल पाते हम जो जान से प्यारे होते है। होकर हमसे जुदा जाने वह कौन ...
कोई देखे न, इतनी साज़िश करके चलते हैं, वो, एक परदे से गुज़ारिश करके चलते हैं। कोई देखे न, इतनी साज़िश करके चलते हैं, वो, एक परदे से गुज़ारिश करके चलते हैं।
मेहमान से तुम्हें मिलवाना बाकी है.... कुछ बातें अब भी कहनी बाकी है मेहमान से तुम्हें मिलवाना बाकी है.... कुछ बातें अब भी कहनी बाकी है
दादी ने फिर फ़ोन उठाकर, पापा को पकड़ाया बाबूजी ने धीरे से, पावर का बटन दबाया दादी ने फिर फ़ोन उठाकर, पापा को पकड़ाया बाबूजी ने धीरे से, पावर का बटन दबाया
यही चाँद हम दोनों तकते हैं यही चाँद हम दोनों तकते हैं
किसी को न सताना तू किसी को न सताना तू