यूँ ही नहीं कहते हैं लोग गाँव में स्वर्ग बसता है। यूँ ही नहीं कहते हैं लोग गाँव में स्वर्ग बसता है।
मधुर -मधुर शब्दों के काजल से नयनों को सुशोभित किया ! मधुर -मधुर शब्दों के काजल से नयनों को सुशोभित किया !
कोई देखे न, इतनी साज़िश करके चलते हैं, वो, एक परदे से गुज़ारिश करके चलते हैं। कोई देखे न, इतनी साज़िश करके चलते हैं, वो, एक परदे से गुज़ारिश करके चलते हैं।
चेहरा ढक लेने से कोई पर्दानशी नहीं होता! चेहरा ढक लेने से कोई पर्दानशी नहीं होता!
"तुम्हारा नाम क्या है "वर्षा ,बरखा, मेघा , बिजली क्या फर्क पड़ता है ? "तुम्हारा नाम क्या है "वर्षा ,बरखा, मेघा , बिजली क्या फर्क पड़ता है ?
आवरण मुख से' अपने हटालो प्रिये, मैं निरख रुप, तृष्णा बुझाता रहूँ । आवरण मुख से' अपने हटालो प्रिये, मैं निरख रुप, तृष्णा बुझाता रहूँ ।