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Anshu Kumar

Others

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Anshu Kumar

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स्मार्टफोन

स्मार्टफोन

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शाम को घर पहुंचा मैं तो, देखा अद्भुत ये नज़ारा

बाबूजी के हाथों में चमकता, स्मार्टफोन एक प्यारा

 

माँ बैठकर देख रहीं थीं, सास बहु के किस्से 

बाबूजी बैठे जोड़ रहे थे, स्मार्टफोन के हिस्से

 

मुझपर पड़ी नज़र पापा की, अपने पास बुलाया

अपने नए खिलौने को, मुझे गर्व से दिखलाया


अम्मा बोलीं बन न जाना, स्मार्टफोन के रोगी

दादी चीख कर बोली पहले, इसकी पूजा होगी


पापा नें दादी को दी, अपने हाथों की शान

दादी ने बनाया उसपे, स्वस्तिक का निशान

 

दादी ने फिर फ़ोन उठाकर, पापा को पकड़ाया 

बाबूजी ने धीरे से, पावर का बटन दबाया

 

फिर बाबूजी ने एक नया, सिमकार्ड उसमे डलवाया 

और धन-धना-धन का, एक रिचार्ज उसमे करवाया


अगले दिन बाबूजी ने, मुझे अपने पास बुलवाया

बड़ी उत्सुकता से फिर, व्हाट्सप्प अकाउंट खुलवाया


बजी मोबाइल की घंटी, दादी बोली फ़ोन उठाले

फ़ोन पे लिखा हुआ था, मामा जी जौनपुर वाले

 

अम्मा दौड़ी आयी किचन से, झट से फ़ोन उठाया

अपने प्यारे भाई को, सारा समाचार सुनाया

 

बाबूजी चुपचाप बैठे, देखते रहे समाचार

और करते रहे बात, ख़त्म होने का इंतज़ार

 

बात ख़त्म हुई अम्मा की, पापा को फ़ोन थमाया

उसी वक़्त फ़ोन पे एक, अनजान संदेसा आया

 

मैसेज मे 108 बार जय श्रीराम

मैसेज पढ़ने वाले को, करना था यही काम

 

मैसेज को भेजो आगे तो, धन बल में वृद्धि होगी

अगर इसे अनदेखा किया तो, घनघोर विपत्ति होगी

 

बाबूजी ने कुछ सोचकर, मोबाइल का बटन दबाया

और वही संदेसा अपने, प्रियजनों तक पहुँचाया

 

फिर हर दिन आने लगा, एक नया संदेसा

दादी अम्मा भांप चुकी थीं, गड़बड़ का अंदेशा


पापा ने बंद करवा दी, दादी अम्मा की चाय

कहा थायरॉइड ठीक करने का, ये है रामबाण उपाय

  

एक मैसेज में लिखा था, यदि करते हो अपनी माँ से प्यार 

इस मैसेज को हर व्यक्ति को, भेजो एक एक बार


फिर से बजी मोबाइल की घंटी, दादी हो गई परेशान

मैसेज में अब लिख हुआ था, भूकंप का पूर्व अनुमान

 

भागे-भागे लपके पापा, अम्मा जी के पास 

किचन तक पहुँचते हुए, फूल रही थी सांस

 

खुद कमरे की ओर भागे, सबको बहार भिजवाया 

भूकंप भूकंप चिल्ला दादी ने, मोहल्ले में शोर मचाया

 

शांत पड़े मोहल्ले में, मच गया अब कोहराम

शोर मचने वाली माला पकड़, जप रही जय श्रीराम

 

सारे पड़ोसी एकत्र हो गए, मेरे घर के नीचे

डरे सहमे बच्चे खड़े थे, अपनी आँखें मींचे

 

गुप्ता अंकल गुस्से में बोले, किसने ये शोर मचाया

आने वाला है भूकंप, किसने ये तुम्हें बताया

  

पापा ने गुप्ता जी को, मैसेज वो जाके दिखाया

व्हाट्सप्प पर आया था अभी, मम्मी ने सबको बताया

 

लगे सभी लोग हँसने , बच्चों ने ली राहत की सांस

गुप्ता जी बोले ऐसे मैसेज पे, करना कभी न विश्वास


बड़े प्रेम से कहा दोस्त, इन सब चीज़ो से बचना 

ऐसे फ़र्ज़ी ख़बरों से,हो सकती है कोई दुर्घटना


दोबारा ऐसी ख़बरों पे करना कभी न भरोसा

शैतान के इस पिटारे से बचके रहो ज़रा सा || 


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