सुबह की भोर वो सूरज की बाँहों में हम घिरे महकती जुल्फों में तुम हमारे उलझे। सुबह की भोर वो सूरज की बाँहों में हम घिरे महकती जुल्फों में तुम हमारे उलझे।
भभक रहा तू, धधक रहा , जैसे कि देगा सब कुछ जला , भागते सब इधर उधर, छाया के हों शरण पड़ा ....... भभक रहा तू, धधक रहा , जैसे कि देगा सब कुछ जला , भागते सब इधर उधर, छाया के हों शर...
यौवन की तरह प्रस्फुटित कमल दल खिला। यौवन की तरह प्रस्फुटित कमल दल खिला।
मेरे हाथ धन्य हैं तेरा मर्म स्पर्श पाकर कि आज चूम लूं अपने ही हाथों को। मेरे हाथ धन्य हैं तेरा मर्म स्पर्श पाकर कि आज चूम लूं अपने ही हाथों को।
तज अपनी चक्रवर्ती सम्राट वाली ओढ़ी क्रूरता। तज अपनी चक्रवर्ती सम्राट वाली ओढ़ी क्रूरता।
लालिमा अरुण ने, अम्बर पर बिखेरी है, शुभकामना से जगमग, आंगन और मुंडेरी है, परमात्मा लालिमा अरुण ने, अम्बर पर बिखेरी है, शुभकामना से जगमग, आंगन और मुंडेरी ह...