STORYMIRROR

संदीप सिंधवाल

Romance

4  

संदीप सिंधवाल

Romance

किस डे - आज चूम लूं

किस डे - आज चूम लूं

1 min
470

तेरा सादगी भरा सौन्दर्य ललचाता

कि चूम लूं तेरे लालिमा से गालों को

देखूं तो खुद को पाऊं तेरी आंखों में 

निहारूं चेहरे को हटा के बालों को।


मेरा भाग्य दमकता है तेरे ही माथे पे

कि आज चूम लूं अपने ही भाग्य को 

मेरी भाग्य की लकीरें है तेरे हाथों पे

कि आज चूम लूं अपने ही भाग्य को।


अपनी आंखों पर उतना भरोसा नहीं

दुनिया देखता हूं मै तेरी ही आंखो से

तो आज चूम लूं अपनी ही आंखो को

यकीन दिलाऊं भर के अपनी बाहों से 


तुझसे जुड़ी हर चीज में तू दिखती है

कि आज चूम लूं हर एक चीजों को

मेरे हाथ धन्य हैं तेरा मर्म स्पर्श पाकर

कि आज चूम लूं अपने ही हाथों को।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance