किस डे - आज चूम लूं
किस डे - आज चूम लूं
तेरा सादगी भरा सौन्दर्य ललचाता
कि चूम लूं तेरे लालिमा से गालों को
देखूं तो खुद को पाऊं तेरी आंखों में
निहारूं चेहरे को हटा के बालों को।
मेरा भाग्य दमकता है तेरे ही माथे पे
कि आज चूम लूं अपने ही भाग्य को
मेरी भाग्य की लकीरें है तेरे हाथों पे
कि आज चूम लूं अपने ही भाग्य को।
अपनी आंखों पर उतना भरोसा नहीं
दुनिया देखता हूं मै तेरी ही आंखो से
तो आज चूम लूं अपनी ही आंखो को
यकीन दिलाऊं भर के अपनी बाहों से
तुझसे जुड़ी हर चीज में तू दिखती है
कि आज चूम लूं हर एक चीजों को
मेरे हाथ धन्य हैं तेरा मर्म स्पर्श पाकर
कि आज चूम लूं अपने ही हाथों को।

