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संदीप सिंधवाल

Inspirational

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संदीप सिंधवाल

Inspirational

तू चला चल

तू चला चल

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तू चल 

और चला चल

कुछ सुना? 

जिसने भी कुछ कहा।


रास्ते से 

भटकाने के लिए

या फिर 

ध्यान भंग करने के लिए 

कुछ आवाजें 

सुनाई देती हैं। 


कहां जा रहा?

क्यों जा रहा? 


पर उससे क्या? 

तूने जो रास्ते चुने हैं 

खतरे भरे हैं 

पर सबसे अलग। 


तो फिर 

एक खुद की सुन 

एक खुदा की 

क्योंकि एक रास्ते के 

लाखों मशवरे हैं 

बस उलझाने को। 

तू चल 

और चला चल। 


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