फोन आया
फोन आया
फोन आया,
कई सालों के बाद
फिर उसका फोन आया
पहले जब
घंटी बजती थी,
दिल की धड़कन भी बढ़ती थी
लेकिन आज फोन बजा
तो धड़कन ने इशारा नहीं किया
अंजान नंबर को भी
पहले हम पहचान लेते थे
फोन उसी का है ये जान लेते थे
लेकिन आज नाम दिखा
तो भी पहले सा एहसास ना हुआ
नंबर वही पुराना था
कोई गुज़रा हुआ जमाना था
मेरे जैसा उस लड़की का
ना कोई दीवाना था
लेकिन आज फोन बजा
तो दीवानापन नहीं आया
पहले एक फोन की खातिर
रातों जागा करते थे
पड़ोसी चाची के घर
बर्तन माँजा करते थे
मगर आज घंटी बजी तो
वो चाची भी रही नहीं।

