बड़े नादान हो तुम
बड़े नादान हो तुम
बड़े नादान हो तुम
मैं तुम्हें भुला ना पाऊंगी.....
तेरी यादों की करवटें में
मैं रोती चली जाऊंगी
कि तेरे प्यार की बंदिशों में
मैं और भी निखरती जाऊंगी
तुम्हारे प्यार की भ्रम वाली दुनियां में
कि तुम्हारे प्यार की भ्रम वाली दुनियां में
मैं और भी संवरती जाऊंगी.....
कि जो कहते हो तुम
खूबसूरत हूं मैं भी
तो इस भ्रम के झूठ पर
थोड़ा गुरूर मैं भी करती जाऊंगी......
बड़े नादान हो तुम
मैं तुम्हें कैसे भुला पाऊंगी
मैं तुम्हें कैसे भुला पाऊंगी।