STORYMIRROR

Prasoon Srivastava

Romance Others

4  

Prasoon Srivastava

Romance Others

"दर्द-ए-आग़ाज़-ए-मोहब्बत"

"दर्द-ए-आग़ाज़-ए-मोहब्बत"

1 min
357

अपनी मोहब्बत उनसे छुपाया नहीं जाता

मोहब्बत है उसी से ये बताया नहीं जाता 


ऐसे ही गुजर जायेगी जिंदगी अपनी,

बेवजह किसी पे कीचड़ उछाला नहीं जाता 


शदीद मोहब्बत है उसी से लेकिन,

बेवफाओं को वफ़ा की राह में चलना सिखाया नहीं जाता


शबाब बीत रहा है उन्हीं की आंचल में,

शराब पी है मैंने ये दिखाया नहीं जाता


हिज्र की रात काट सकते थे हम लेकिन,

पर पुरानी यादों को भुलाया नहीं जाता 


अंदाजा वो नहीं लगा पायेंगे मेरी अफ़सुर्दा का,

हंसते चेहरे से गम को छुपाया नहीं जाता


वो उनके साथ खुश है अपनी हयात में अब,

ये समझ कर भी खुद को समझाया नहीं जाता 


फ़ारिग हो गया ये दिल उनके दिल से इस क़दर,

प्रसून इस तरह खुद को रुलाया नहीं जाता



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance