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Rishab K.

Abstract Romance

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Rishab K.

Abstract Romance

सुनो ना।

सुनो ना।

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सुनो ना! मेरी एक बात का जवाब दो ना अगर मैं

आपकी राह देखते देखते मर जाऊँ तो मेरी मय्यत (जनाजा ) पर तो आओगे ना।


मुझे एक बार आप देखने तो आओगे ना ।


सब जल्दी में रहेंगे मुझे दफनाने के लिए,

इंतजार नहीं करेगा कोई मेरी तरह! 

आप वक्त पर तो आओगे ना। 

मुझे आखरी बार आप सीने से तो लगाओगे ना।

अगर कोई पुछे आप से की क्या रिश्ता था हमारा,

तो उन्हें आप मुझे अपनी मोहब्बत तो बताओगे ना। 

आप मेरे माथे को आखरी बार प्यार से चूमोगे ना।

सब मुझे कब्रिस्तान ले जाने के लिए जल्दी में रहेंगे, 

आप उन्हें थोड़ी देर रूक जाइये कह कर रोकोगे ना। 

आप मुझे आखरी बार प्यार से तो निहारोगे ना। 

सब रो रहे होंगे, मुझे उठाने की भी कोशिश करेंगे, 

आप मुस्कुराकर आखरी बार अलविदा तो कहोगे ना। 

मेरी सारी गलतीयों को आप माफ कर दोगे ना। 

मैं कितना अच्छा था ये सब एक दूसरे से कह रहे होंगे, 

आप अल्लाह से मेरी मगफीरत की दुआ तो करोगे ना। 

मेरी आखरी सफर में आप मेरे साथ तो रहोगे ना। 

कौन हूँ मैं आपका, ये पहचान सब से छुपाया आप ने

आखरी वक्त में मेरी पहचान तो सब से कराओगे ना। 

सुनो ना! मेरे आखरी सफर में तो आप आओगे ना। 

सुनो ना! आखरी बार मुझे अपने गले लगाओगे ना । ।


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