STORYMIRROR

बेज़ुबानशायर 143

Romance

4  

बेज़ुबानशायर 143

Romance

प्रेम की पुकार

प्रेम की पुकार

1 min
286


प्रेम की पुकार दिल से ही सुनी जाती है।

प्यार की हर बात धड़कन से कही जाती है।


मेरा दिल तो सारे जज्बात कह चुका है।

तेरे दिल की धड़कनों को सुनना अभी बाकी है।


चाहतों का अपनी अब रास्ता तो एक है।

प्रेम पथ की मंजिल बस पाना अभी बाकी है।


प्रेम की पुकार दिल से ही सुनी जाती है।

प्यार की हर बात धड़कन से कही जाती है।


तू जानती है सब कुछ ये जनता हूँ मैं भी।

अनजान बनकर यूँही बस तू मुझे सताती है।


सोचता हूँ तुझको जब महफ़िल या तन्हाई में।

जाने क्यों दिल की मेरे धड़कन बढ़ जाती है।


गुजर जाए भूले से जो जब पास से मेरे तू कभी।

तेरी खुशबू बनके हवा मेरी साँसों में महक जाती है।


प्रेम की पुकार दिल से ही सुनी जाती है।

प्यार की हर बात धड़कन से कही जाती है।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance