प्यार में दरार
प्यार में दरार
कितना तन्हा रहा हूं मैं,
तेरा चेहरा देखने के लिये,
तू तो चेहरा मोड़ लेती है,
मुझे गमगीनी में डूबाने के लिये।
कितना बेचैन हुआ हूं मैं,
प्यार तेरा पाने के लिये,
तू तो कायम छुप जाती है,
मुझे प्यार में तड़पाने के लिये।
कितना इंतजार करता हूं मैं,
तेरे मधुर मिलन के लिये,
मुझे देखकर तू चली जाती है,
मुझे प्यासा बनाने के लिये।
कितना प्यार करता हूं मैं,
तुझे दिल में बसाने के लिये,
तू तो नफ़रत करती है "मुरली",
मुझे प्यार की आग में जलाने के लिये।

