बारिश
बारिश
बारिश मे नहीं भीगते तोह भीगना चाहिए
तन से भी ज्यादा मन को भीगाना चाहिए
रुठे हुए हो जिनसे उन्हें भूल नहीं पा रहे तो
माफ़ कर के उन्हें आगे बढ़ना चाहिए
किसी भी दर्द की दवाई इस मे है
शमा के बुझने से ही
नई शुरुआत की रोशनई होंगी
खुदा की करिस्तानी देखो
दर्द तभी जोर पकड़ता है
जब तुम उसपे सोचते हो
जो अपना तुम्हे माना नहीं
उसको याद कर के कोसते हो
किसी से प्यार करते हो तो
उसकी रज़ा से उसे रुकश्त करना सीखो
लोग जो तुम्हे मायने रखते है
उन्हें खोने के भय से मुक्त हो कर जीना शिखो
साथ तुम भी नहीं दे पाओगे उम्र भर किसी का
क्यों की शरीर तोह नश्वर है
एक रब ही है जो अनश्वर है
जो तुम्हे समझते और प्यार करते हैं।

