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Roshni dixit

Romance

4  

Roshni dixit

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तेरी मिट्टी में मर जावां

तेरी मिट्टी में मर जावां

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आज भी मेरी यादों में,

तेरा ही मंजर रहता है।

जब याद तुम्हारी आती है,

आँखों से समुंदर बहता है।


ओ यार मेरे,दिलदार मेरे,

तुम पहले तो ऐसे न थे।

चेहरे की उदासी देख मेरी,

तेरे भी आँसू बहते थे।


तेरी खामोशी से मर जावां,

तू हँस दे मैं जी जावां

बस इतनी सी है मेरी आरजू।

तेरी सांसों में बस जावां

दिल बनके में धड़क जावां

बस इतनी सी है मेरी आरजू।


जब तक रूह में सांसें हैं,

मैं तब तक तुमको चाहूँगी।

तकदीर में तुम हो न हो,

पर रब से तुमको ही मागूँगी।


ओ यार मेरे, दिलदार मेरे

तेरा मेरा रिश्ता पुराना है।

ये एक जनम की बात नहीं,

हर जनम में तुझको ही पाना है।


तेरे इश्क में ही जी जावां,

तेरे इश्क में ही मर जावां

बस इतनी सी है मेरी आरजू।


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