तुम्हारा साथ ही मेरी दुनिया
तुम्हारा साथ ही मेरी दुनिया
तुम्हारा साथ ही मेरी दुनिया
जहाँ,बजते जीवन के संगीत हैं ,
तुझमें मैं मुझमें तुम बस जाते
जैसे बन जाते कोई गीत हैं ,
साथ तुम्हारा पाने से मेरे मन की
बगिया खिल जाती है ,
मंद हवा का स्पर्श मिलने से
अंतर्मन झंकृत कर जाती है,
प्रकाश का बहता स्वरूप
झरनों की मीठी प्यास हो तुम,
तेरा साथ हो तो दूर रहने पर भी
लगता मेरे पास हो तुम,
दिव्यता की आलौकिक आभा
आकाश का विस्तृत रूप,
तुम्हारा साथ मेरी दुनिया
जैसे निर्मल प्रेम का हो स्वरूप ,
सुंदर सपनों की तस्वीर हो,
मेरे जीवन की सुंदर बगिया हो,
जीवन भर साथ निभाना है,
तुम्हारा साथ तुम मेरी दुनिया हो!