मेरे लिए 'तुम '
मेरे लिए 'तुम '
जब भी हम साथ होते थे
तुम हर बार एक ही सवाल करते
और मैं बस मुस्कुरा देती थी
चलो, आज तुम्हारे उस सवाल का
जवाब भी मैं दे ही हूं।
तुम अक्सर जानना चाहते थे ना,
कि "तुम क्या हो...कौन हो मेरे"
तो अब सुनो और हां....
जरा गौर से सुनना।
जब लड़कों की भीड़ में मैंने
पहली बार तुम्हें देखा था
तब ऑप्शंस तो बहुत है मेरे पास
पर मेरी पहली च्वाइस थे तुम।
जब दुनिया अपने परायों
के खेल में मगन थी
लोग अपनों को धोखेबाज
और गैरों को अपना मान बैठे थे
तब शक तो मुझे भी कहो पर हुआ था कितनों पर
पर मेरी जिंदगी में मेरा विश्वास है तुम।
जब इश्क और मोहब्बत में
काफी फर्क आ गया था
इजहार ए इश्क के नाम पर
"आई लव यू" का ट्रेंड छा गया था
सोशल मीडिया पर रियल लव वाले मींस बनते थे
तब इन नए ढंगों में ढलने का रास्ता खुला था
पर मेरे पहले प्यार का पुराना प्रेम पत्र थे तुम।
जब हर रिश्ता टूटने की कगार पर था
जब दिल में नाराजगी और
मन में कड़वाहट से भरी थी
जब प्यार के हर बंधन में एक गांठ सी पड़ गई थी
जब मोहब्बत में हार जाने के कई बहाने थे
पर अपने प्यार को निभाने की मेरी इकलौती वजह से तुम।
जब दुनिया 2G से 4G तक आ पहुंची थी
फोन पर प्यार की घंटों बातें होती थी
तब इस आधुनिक से जमाने में
गुम हो जाने का मौका तो था
पर मेरा पुराना खूबसूरत एहसास थे तुम
जब हर क्षेत्र में जिंदगी एक नए सफर पर चल रही थी
तब वक्त के साथ बहना आसान था मेरे लिए
पर इस दुनिया की तेज रफ्तार में
मेरे सुकून भरे एहसास थे तुम।
जब हर तरफ लोगों की तीखी बोली
मेरे इन कानों को चुभती थी
हर नाता.....हर दोस्ती बस मतलब की लगती थी
तब झुंझलाहट में तुम्हें छोड़ देना आसान था पर मेरे लिए
पर मेरे लिए गुड़ से भी मीठा अल्फाज़ थे तुम।
और अब कैसे बयां करूं मैं...
मेरे लिए कितने खास थे तुम।
तुम्हें कितनी दफा कहा मैंने कि...
मैं और मेरी जिंदगी कुछ भी नहीं है तुम्हारे बिना
कितनी मिन्नतें की तुमसे रुकने की
पर तुम रुके ही नहीं।
अब जब तुम्हें मैं खो ही चुकी हूं
तोह दिल को यह एहसास हुआ कि...
अधूरी तो मैं तुम्हारे साथ थी
और अब पूरी हुई हूं।
साथ तुम्हारे होकर तो
मैं अपनी ही नहीं थी कभी
और साथ इसके एक और आभास
की जब समय था सही चुनने का
वक्त की मेरी सबसे बड़ी गलती थे तुम
हाथ मेरे हाथों में थे तुम्हारे
लेकिन दिल से मेरे नहीं थे तुम।