Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

Anup Gajare

Romance

4  

Anup Gajare

Romance

वो अब नहीं होती

वो अब नहीं होती

2 mins
247


 बारिश की हलकी बूँदें जब शरीर पर गिरती हैं एक अहसास दे जाती हैं तुम्हारे होने का। 

मुसलाधार बारिश मै देखता रहता हूँ । 

फिर वो तस्वीरे आँखों के सामने किसी प्यासे मृग की तरह भागती है जिसमे खडी होती हो तुम तेज धुवाँदार बारिश मे, 

कॉलेज के कौलारू छत का आसरा लिए हूँ ए अपनी एक सहेली के साथ तुम खडी हो। 

और मै देख रहा हूँ वो तेज मुसलाधार बारिश अतीत के पन्नों पर चलते हुए। 


मै चल रहा हूँ अनवानी पैरो से

एकदम नंगे पैर.., ना जूते ना चप्पल! 


मै तौहीन नहीं करना चाहता उस बीते अतीत की जिसमें तुम हो

इसलिए न्यूड पैरों के साथ एक एक कदम उन पन्नों पर रख रहा हूँ ।

नहीं झाड़ना चाहता उनपर भविष्य की मटमैली धूल इसलिए बिना चप्पल चल रहा हूँ । 


और हो रही है बारिश एकदम धुवाँदार साथ तेज ठीक उस दिन की तरह

जिस दिन तुम खडी थी उस पत्थरनुमा बिल्डिंग के कौलारू छत के नीचे। 


मै वो बारिश अभी भी देख सकता हूँ

साथ महसूस कर सकता हूँ मिट्टी मे उठनेवाली वो सुगंध। 


मै देख रहा हूँ तुम्हें 

तुम भी देख ही रही हो मुझे। 


हम दोनों को एकदूसरे को देखते हुए वो बारिश देख रही है

वही बारिश जो अभी मेरे खयालों मे बिन बादल बरस रही है

एकदम तेज और धुवाँदार। 


तुम भी तो अभी भी वही खडी हो उस पत्थरनुमा बिल्डिंग के पास उस कौलारू छत के नीचे। 

भले ही आज वो पत्थरनुमा बिल्डिंग जिसकी छत कौलारू थी वो गिरा दी गई है। 

आज नहीं होती उस दौर की तरह बारिश। 


और आज तुम बारिश मे किसी और को देखती हो

किसी और का इंतजार करती हो

उसीका इंतजार तुम करती हो जिसके साथ तुमने सात फेरे अग्नि को चूमते हूँ ए लिए। 


आज नहीं होती वो बारिश जो उस वक्त हूँ आ करती थी

जब तुम मुझे देखा करती थी

एकदम तिरछी नजरों से वो देखना था। 


कितना मचल उठता था मै

और कितनी मचल उठती थी वो बारिश। 


अब बारिश नदी नहीं मिलती 

अब नदी का रुख सागर की तरफ हो गया है। 


पर फिर भी खयालों मे जिंदा है वो बारिश

जिस बारिश मे तुम कौलारू छत के नीचे खडी थी। 



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance