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Bhagyashri Chavan Patil

Drama Classics Inspirational

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Bhagyashri Chavan Patil

Drama Classics Inspirational

सुकून देने वाली शाम

सुकून देने वाली शाम

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सुकून मिलता है

जब हम एक ही आसमान के 

नीचे हम दोनों रहते हैं।,


सुकून मिलता है

जब उसे वहीं सुबह जगाती हैं

जो मुझे भी जागती है।,


सुकून मिलता है

जब वो शाम और सुबह देखते हैं

जो वो और हम देखते हैं।।


सुकून मिलता है

जब वो उसी रात को देख कर

हसीन सपनों रातों में खो जाते हैं।


सुकून मिलता है

दूर हो कर भी यहीं जमीन

उसके भी पावों तले रह जाती है।


सुकून मिलता है

दूर होने का एहसास नहीं पर

पास रहने की खुशी दे जाती है।


सुकून मिलता है

हम साथ ना हो कर भी

जहां भी रहेंगे साथ रहने वाले हैं।


सुकून मिलता है

एक आसमां और जमीन यहीं

एक सूरज और चांद

यहीं खास रहने वाले हैं।


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