Bhagyashri Chavan Patil

Drama Romance Fantasy

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Bhagyashri Chavan Patil

Drama Romance Fantasy

तुम्हें लगता होगा ना

तुम्हें लगता होगा ना

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तुम्हें लगता होगा ना ये इश्क़ झूठा हैं

बस सिर्फ़ नाम लेने के लिए ही हैं


तुम्हें लगता होगा ना ये इश्क़ झूठा हैं

बस तुम्हें छोड़ मुझे कुछ और सूझता नहीं हैं


तुम्हें लगता होगा ना ये इश्क़ झूठा हैं

बस तुम्हें मांगना होगा तो रब में तुम्हारी छवि दिखती हैं


तुम्हें लगता होगा ना ये इश्क़ झूठा हैं

बस तुम्हारा नाम मेंहदी में लिख गहरा रंग आता हैं


तुम्हें लगता होगा ना ये इश्क़ झूठा हैं

बस तुम्हें महसूस कर सकू इसलिए हवा मेरी लगती हैं 


तुम्हें लगता होगा ना ये इश्क़ झूठा हैं

बस तुम नहीं होते फिर भी तुम्हें यूं सोच शर्म आती हैं


तुम्हें लगता होगा ना ये इश्क़ झूठा हैं 

बस हर वक्त तुम्हारा ही बस खयाल लगा रहता हैं


तुम्हें लगता होगा ना ये इश्क़ झूठा हैं

तुमसे बात नहीं होती तो आंखों में नमी सी छा जाती हैं


तुम्हें लगता होगा ना ये इश्क़ झूठा हैं

किसी और का खयाल आए तो मुझे गुनहा लगता हैं


तुम्हें लगता होगा ना ये इश्क़ झूठा हैं

कोइ और तुमको मुझसे ज्यादा चाहें तो दिल टूटता हैं


तुम्हें लगता होगा ना ये इश्क़ झूठा हैं

बस तुम्हें खुश देख मेरा रब भी हसता नज़र आता हैं 


तुम्हें लगता होगा ना ये इश्क़ झूठा हैं

बस तुम्हें ना मिलकर भी सपनों में यूं दिल बहलाते हैं 


तुम्हें लगता होगा ना ये इश्क़ झूठा हैं

बस तुम ही नहीं पर ये तस्वीर भी मुझसे बातें करती हैं


तुम्हें लगता होगा ना ये इश्क़ झूठा हैं

बस मेरी नज़र ना लगे तो नज़र भी निकालनी पड़ती हैं 


तुम्हें लगता होगा ना ये इश्क़ झूठा हैं

शाम और राधा को देख खुद पर गर्व महसूस होता हैं 


तुम्हें लगता होगा ना ये इश्क़ झूठा हैं

सच्चा हों इसलिए दूर रहकर भी आस तुम्हारी रहती हैं।


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