कितनी भी तस्वीरें ले लो, छाप बस दिलों पर छूटेगी। कितनी भी तस्वीरें ले लो, छाप बस दिलों पर छूटेगी।
रिवाज़-ए-मोहब्बत हमने भी निभाई है बहुत। रिवाज़-ए-मोहब्बत हमने भी निभाई है बहुत।
कुछ तस्वीरें हैं तुम्हारी अब जिनके हैं सहारे ! कुछ तस्वीरें हैं तुम्हारी अब जिनके हैं सहारे !
हाय ये कैसी चाहत है, मोहब्बत ही मोहब्बत है, हाय ये कैसी चाहत है, मोहब्बत ही मोहब्बत है,
कितनी हसरतों से, सहेज कर सपनों को, महलों को धीरे -से थपथपाती है। कितनी हसरतों से, सहेज कर सपनों को, महलों को धीरे -से थपथपाती है।
तस्वीरें चोट देती है ख्वाब से रिश्तों पर, गिरा देती है पाला उगती हुई आशाओं पर। तस्वीरें चोट देती है ख्वाब से रिश्तों पर, गिरा देती है पाला उगती हुई आशाओं पर...