धरोहर
धरोहर
कितनी भी तस्वीरें ले लो,
छाप बस दिलों पर छूटेगी।
मूरत छोटी हो , या बड़ी
वक्त आने पर टूटेगी ॥
तेरी आँख की पुतली ने,
जो पल पकड़े हैं मन पर;
जीवन का बस वही है हासिल
वही है असल धरोहर ॥
शुक्राना उस मालिक का ,
जिसमें रंग हज़ार दिए।
आवन-जावन रूप बनाए,
मनस सभी के तार दिए ॥